All About Yam (Zimikand) in Hindi | जिमीकंद (सूरन) के फायदे, उपयोग और नुकसान | Zimikand Recipe
बाजार में आम सब्जियों के साथ साथ कुछ ऐसी भी सब्जियां मौजूद होती हैं, जिनके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है। जिमीकंद भी उन्ही सब्जियों में से ऐसी एक सब्जी है, जिसके बारे में कम लोग जानते हैं। जिमीकंद एक प्रकार का कंद-मूल है, जिसमें कई खास पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस पर किये गए अध्ययनों से पता चलता है कि यह खाद्य पदार्थ शरीर को स्वस्थ बनाए रखने और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है। इन्हीं पोषक तत्वों, जिमीकंद के फायदे, जिमीकंद बनाने के तरीके और इससे होने वाले नुकसान के बारे में हम इस लेख में बता रहे हैं।
What is Yam (Zimikand) | जिमीकंद (सूरन) क्या है ?
जिमीकंद (सूरन )एक जड़ है, जिसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। स्वास्थ्य के लिहाज से इसे प्राकृतिक जड़ी-बूटी भी माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम अमोर्फोफ्लस पेओनिफोलियस (Amorphophallus Paeoniifolius) है। इसे अंग्रेजी में याम (Yam) के नाम से भी जाना जाता है। यह दिखने में हाथी के पैर जैसा लगता है, इसलिए इसे एलिफेंट फुट याम भी कहा जाता है। जिमीकंद एक कंद के रूप में होता है और यह अपने आप ही उगता है, लेकिन इसके गुणों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से इसकी खेती भी की जाने लगी है। ये कई प्रकार के होते हैं (Types of Yam in Hindi )
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वाइल्ड याम – इसे जंगली याम के नाम से भी जाना जाता है। यह दिखने में पतला होता है।
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पर्पल याम – यह बाहर से दिखने में अन्य जिमीकंद की तरह ही भूरा होता है। अंदर से इसका रंग पर्पल होता है। इसी में एक और प्रकार आता है, जो बाहर से दिखने में भी हल्का बैगनी रंग का होता है।
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चाइनीज याम – जिमीकंद का यह प्रकार भी काफी प्रचलित है। खाने में यह बहुत स्वादिष्ट होता है।
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व्हाइट याम – इसे सबसे आम जिमीकंद में से एक है। इसका रंग अंदर से सफेद होता है, जिस वजह से इसे व्हाइट याम कहा जाता है।
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यल्लो याम – यल्लो याम अंदर से पीले रंग का होता है, जो कैरोटीनॉयड की वजह से होता है। यह बाहर से व्हाइट याम जैसा ही दिखता है। यल्लो याम ठोस और हल्का उभरा हुआ होता है।
जिमीकंद (सूरन) के फायदे – Benefits of Yam (Zimikand) in Hindi
जिमीकंद खाने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे पूरी जानकारी दी जा रही है। जिमीकंद किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने और शारीरिक समस्याओं से बचाव करने में मदद कर सकता है। गंभीर बीमारी होने पर डॉक्टर से संपर्क करके उपयुक्त इलाज करवाना चाहिए। इलाज के साथ डॉक्टर की सलाह पर जिमीकंद का सेवन किया जा सकता है।
1. डायबिटीज में सहायक
सूरन के फायदे डायबिटिक लोगों को भी हो सकते हैं। दरअसल, जिमीकंद में प्राकृतिक रूप से एलेंटॉइन (Allantoin) नामक केमिकल कंपाउंड पाया जाता है। एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि एलेंटॉइन में एंटी डायबिटिक प्रभाव होता है, जो मधुमेह से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है
यह लिपिड प्रोफाइल को सुधारने के साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करके मधुमेह से बचाव में फायदेमंद हो
सकता है। इसके अलावा, जिमीकंद में फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है और यह लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आता है। इस वजह से डायबिटीज के मरीज इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
2. कैंसर से बचाव में सूरन खाने के फायदे
कैंसर से बचाव के लिए याम का उपयोग किया जा सकता है। एक शोध के मुताबिक, जिमीकंद में मौजूद एलेंटॉइन कंपाउंड कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, जिमीकंद (ओल) में एल-अर्जिनिन (L-arginine) यौगिक होता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर की रोकथाम में अहम योगदान निभा सकता है। ध्यान दें कि जिमीकंद कैंसर का इलाज नहीं है। यह गंभीर स्थिति है, जिसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
3. वजन कम करने के लिए (Weight Loss )
जिमीकंद का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, जिमीकंद में एंटी-ओबेसिटी प्रभाव होता है। जिमीकंद में मौजूद फ्लेवोनॉयड कंपाउंड की वजह से इसमें यह एंटी-ओबेसिटी प्रभाव पाया जाता है, जो मोटापा व चर्बी कम करने में सहायक हो
सकता है।
इसके अलावा, जिमीकंद में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है। इस वजह से जिमीकंद को खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। साथ ही यह भूख को कम करके वजन घटाने में मददगार हो सकता है।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव
सूरन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी होते हैं, जो शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद कर सकते हैं। विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध में कहा गया है जिमीकंद एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणाली में वृद्धि करके और इंफ्लेमेशन प्रक्रिया को कम कर कोलन कैंसर से बचाव कर सकता है।
5. रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत
महिलाओं को अचानक गर्मी लगना, नींद न आना और अजीब सा व्यवहार करना रजोनिवृत्ति के लक्षण हो सकते हैं।
एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार ओल के अर्क (Yam Extract) के इस्तेमाल से रजोनिवृत्ति के लक्षण में कुछ हद तक राहत मिल सकती है इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि इस विषय को लेकर भविष्य में अधिक शोध किए जाने जरूरत है।
6. विटामिन-बी6
सूरन के फायदे में विटामिन-बी6 की कमी को पूरा करना भी शामिल हो सकता है। यह एक जरूरी पोषक तत्व है, जिसके सप्लीमेंट चिड़चिड़ेपन और चिंता जैसी समस्या को कम कर सकते हैं। इसलिए, कहा जा सकता है कि शरीर में विटामिन- बी6 की पूर्ति के लिए अन्य खाद्य पदार्थों के साथ जिमीकंद का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
7. खून की कमी
शरीर में आयरन और फोलेट की कमी एनीमिया (खून की कमी) का कारण बनती है। यहां जिमीकंद की अहम भूमिका देखी जा सकती है। जिमीकंद आयरन के साथ-साथ फोलेट से भी समृद्ध होता है और शरीर में इन दो खास पोषक तत्वों की पूर्ति इस खाद्य पदार्थ के सेवन से की जा सकती है।
8. मस्तिष्क के लिए
जिमीकंद के फायदे मस्तिष्क को भी हो सकते हैं। दरअसल, इसमें डाइओसजेनिन (Diosgenin) नामक फाइटोस्टेरॉइड होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, यह अल्जाइमर रोग (याददाश्त कमजोर होना) में सुधार कर सकता है। शोध में कहा गया है कि सामान्य अवस्था में भी यह न्यूरोनल उत्तेजना (Neuronal excitation) और याददाश्त क्रिया को बढ़ावा दे सकता है।
9. पाचन के लिए
सूरन खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। एक शोध में कहा गया है कि जिमीकंद में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन संबंधी विकार से बचाव में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर करने के साथ ही मल को मुलायम बना सकता है, जिसकी मदद से कब्ज जैसी समस्या से भी निजात मिल सकता है।
साथ ही जिमीकंद डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढ़ाने और मेटाबॉल्जिम को बेहतर करने में मदद कर सकता है।
10. बेबी फूड के लिए अच्छा
जिमीकंद बेबीफूड का भी एक अच्छा विकल्प है। कहा जाता है कि बच्चे के छह महीने के होने के बाद जिमीकंद उसे खिलाया जा सकता है। इसे पाउडर फॉर्म में या पेस्ट की तरह बच्चे को खिलाया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट की वजह से बेबी फूड फॉर्मूलेशन में भी जिमीकंद के आटे का उपयोग किया जाता है।
बच्चे को इसका सेवन कराने से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें।
11. स्किन हेल्थ
सूरन के फायदे में त्वचा स्वास्थ्य भी शामिल है। दरअसल, जिमीकंद में विटामिन-ए और नियासिन (विटामिन-बी का एक रूप) होते हैं।
ये दोनों पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक माने जाते हैं। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि त्वचा को स्वस्थ बनाने में भी सूरन फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, यह सीधे तौर पर त्वचा के लिए कितना फायदेमंद होगा, इसे लेकर सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
जिमीकंद का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
जिमीकंद हमेशा बेदाग ही खरीदें। वैसे यह भूरे रंग के होते हैं, इसलिए काले रंग के दाग दिखना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से जिमीकंद खरीदते वक्त ध्यान से उसे देख लें। यह ठोस भी होना चाहिए। इससे पता चलता है कि यह जल्दी खराब नहीं होने वाला है। इसे सुरक्षित रखने के लिए कोई खास जतन की जरूरत नहीं पड़ती है। बस ध्यान दें कि यह गिला न हो। इसे किसी सूखी और अंधेरे वाली जगह में रख दें, जहां सूरज की सीधी रोशनी न पड़े। यह करीब 10 दिन इस तरह सुरक्षित रह सकता है।
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